दिसंबर 2020 में वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में वर्ष 2019 के इसी माह के मुकाबले दो फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। महामारी के कारण उत्सर्जन के स्तर में जो तीव्र कमी दिखी थी, वह कुछ ही समय के लिए थी।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। आईईए के मुताबिक तेल, गैस और कोयले के उत्पादन और उपयोग के कारण उत्सर्जन दिसंबर 2020 में इससे पूर्व वर्ष के इसी माह के मुकाबले दो प्रतिशत अधिक रहा। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने और स्वच्छ ऊर्जा नीतियों के अभाव के कारण कई देशों में कोरोना महामारी से पहले की तुलना में अधिक उत्सर्जन देखा जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल ने कहा, पिछले साल के अंत में उत्सर्जन में तेजी एक चेतावनी है कि हमने स्वच्छ ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ नहीं किया।
अगर सरकारें उपयुक्त ऊर्जा नीति के साथ आगे नहीं बढ़ती हैं तो वैश्विक उत्सर्जन में कमी का ऐतिहासिक अवसर खतरे में पड़ सकता है।
वैज्ञानिकों ने पूर्व में अनुमान जताया था कि साल 2020 में वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में सात फीसदी तक की कमी आ सकती है। इसका कारण महामारी के कारण लोगों का अपने घरों में रहना है।
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