नई दिल्ली: दिमागी बुखार यानि इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) की जंग अब अंतिम चरण में है. यूपी सरकार (UP Govt) ने दावा किया है कि अगले दो साल के भीतर बच्चों को दिमागी बुखार से निजात दिला दी जाएगी. बताते चलें कि गोरखपुर-बस्ती मंडल में दिमागी बुखार एक बड़ी चुनौती बनी रही है.
मुख्यीमंत्री योगी ने किया दावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दावा करते हुए कहा कि पिछले करीब 40 साल से पूर्वांचल में प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चों की जान लेने वाली इंसेफेलाइटिस की बीमारी के खिलाफ पिछले तीन साल के दौरान निर्णायक जंग लड़ी गई है और इस वक्त यह लड़ाई अपने अंतिम दौर में है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल के दौरान किए गए प्रयास अगर जारी रहे तो अगले दो साल में गोरखपुर-बस्ती मंडल से इंसेफेलाइटिस का नामो निशान मिट जाएगा.
संक्रमण में 95 प्रतिशत तक की हुई गिरावट
मुख्यमंत्री ने राज्य के पूर्वी हिस्सों में इंसेफेलाइटिस तथा अन्य संचारी रोगों से संबंधित आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2016 के बाद से अब तक इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 90 से 95% तक की गिरावट हुई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के 816 मरीजों में से 34 की मौत हुई जबकि 2020 में 396 में से 12 रोगियों की मृत्यु हुई.
योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड-19 (Covid-19) महामारी से भी इसी तत्परता से लड़ेगा. उन्होंने दावा किया के उत्तर प्रदेश में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा संख्या में जांच हो रही है, लेकिन यहां कोविड-19 मरीजों की संख्या आबादी के हिसाब से सबसे कम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) ने कोरोना वायरस से संक्रमण तथा अन्य संक्रामक बीमारियों के विस्तार पर अंकुश लगाने में खासी भूमिका निभाई है.
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उन्होंने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) तथा जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanies Encephalitis) के जिलेवार आंकड़े पेश करते हुए कहा कि गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और देवरिया में इन रोगों से पीड़ित लोगों तथा मौतों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
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